1. इस वर्ग के प्रयोगों को प्रवाह प्रक्रम कहा जाता है। 2. इस वर्ग के प्रयोगों को प्रवाह प्रक्रम कहा जाता है। 3. स्थिर आयतन, घान प्रक्रम, प्रवाह प्रक्रम तथा स्थिर दबाव घान प्रक्रम कहा जाता है। 4. स्थिर आयतन, घान प्रक्रम, प्रवाह प्रक्रम तथा स्थिर दबाव घान प्रक्रम कहा जाता है। 5. प्रवाह प्रक्रम की क्रियाओं में क्रियापात्र के आयतन तथा प्रदायगति का अनुपात स्थानगति से संबंधित होता है।6. प्रवाह प्रक्रम की क्रियाओं में क्रियापात्र के आयतन तथा प्रदायगति का अनुपात स्थानगति से संबंधित होता है।7. कुछ विद्वानों के मतानुसार गैस टरबाइन वह यंत्र है जिसमें प्रवाह प्रक्रम अविरत रहता है एवं शक्ति टरबाइन द्वारा प्राप्त होती है। 8. प्रवाह प्रक्रम क्रिया में स्थिर परिस्थिति की अवस्था प्राप्त होती है, जिससे स्थिर आयतन के क्रियापात्र में समय के संदर्भ में कोई परिवर्तन नहीं होता है।9. प्रवाह प्रक्रम क्रिया में स्थिर परिस्थिति की अवस्था प्राप्त होती है, जिससे स्थिर आयतन के क्रियापात्र में समय के संदर्भ में कोई परिवर्तन नहीं होता है।